पहली बार 2500 बीघा क्षेत्रफल में बसेगा मेला, पौष पूर्णिमा से शुरू होगा एक माह का कल्पवास

कुंभ-2019 आयोजन ने विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। यही वजह है कि, यहां कल्पवासियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। संगम की रेती पर 31 सौ संस्थाओं को भूमि दी गई है। यह आंकड़ा चार पहुंचने की संभावना है। नतीजा माघ मेला 2020 का दायरा 500 बीघा बढ़ा दिया गया है। पौष पूर्णिमा स्नान के साथ 10 जनवरी से मेला शुरू हो रहा है। इसी दिन से 1 माह के लिए जप, तप, स्नान, ध्यान, दान और व्रत का कल्पवास शुरू हो जाएगा। 


इस बार का माघ मेला कई मायनों में विशेष है। क्षेत्रफल में यह माघ मेला अब तक का सबसे बड़ा होगा। इस बार लगभग ढाई हजार बीघे में तंबुओं की नगरी बसाई जा रही है। वर्ष 2018 के माघ मेले की अपेक्षा 40 फीसद क्षेत्रफल इस बार बढ़ाया गया है। वैसे इस साल लगभग 2000 बीघे में मेला बसाने का लेआउट तैयार हुआ था। मगर दलदल और कटान के साथ ही ज्यादा संस्थाओं के आने के कारण क्षेत्रफल को करीब 500 बीघे बढ़ा दिया गया है। सेक्टर 5 और 6 में यह क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। 


वर्ष 2018 के मेले में 5 सेक्टर थे, जबकि इस बार 6 सेक्टर में मेला बसाया जा रहा है। सेक्टर 1 क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा होगा। इसमें संगम परेड मैदान शामिल है। सेक्टर एक में ही सरकारी विभागों के कार्यालय कंट्रोल रूम, पुलिस लाइन, मीना बाजार व झूले लगाए जाएंगे। सेक्टर एक को छोड़कर सभी सेक्टरों में कल्प वासियों को बसाया जाएगा। सेक्टर 2 काली मार्ग से नागवासुकि तक होगा, जबकि सेक्टर 3, 4 और 5 झूसी क्षेत्र में होगा। सेक्टर 6 अरैल क्षेत्र में होगा। खाक चौक, दंडी बाड़ा और आचार्य बाड़ा भी झूसी क्षेत्र में ही होंगे। मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्रा का कहना है कि तैयारियों को फिनिशिंग टच दिया जा रहा है।